टैक्स बचाने के लिए सिर्फ इस स्कीम में करें निवेश, फिर 3 बार Income Tax में मिलेगी छूट, जानिए डिटेल

सरकार के नियमों के मुताबिक व्यक्ति को हर चीज पर टैक्स देना पड़ता है और इस तरह के टैक्स अनेक बार हम छोटी-बड़ी चीजों पर दे चुके हैं और कई बार हमें यह टैक्स अपनी संपत्ति या जायदाद पर देना होता है। एक निश्चित आय के बाद लोगों के लिए टैक्स चुकाना अनिवार्य हो जाता है। किंतु अक्सर ऐसा देखा गया है कि लोग अपना टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग तरीके खोजते रहते हैं जिसमें से एक तरीका सामने आता है सुनियोजित निवेश का।

निवेश करने वालों की अक्सर दो कैटेगरी होती है। कुछ लोग बचत के रूप में निवेश करते हैं और कुछ लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश को चुनते हैं। अपनी अपनी जरूरत के हिसाब से लोग अलग-अलग निवेश का विकल्प चुनते हैं। आज के आलेख में हम आपको बताएंगे निवेश के एक ऐसे विकल्प के बारे में जिससे आप अपने पैसे तो बचा ही सकते हैं साथ में आप अपना टैक्स भी बचा सकते हैं। इस सिंगल स्कीम में आपको तीन बार टैक्स बचाने का मौका मिलता है।

ट्रिपल ए कैटेगरी का लाभ

कुछ ऐसे निवेश के विकल्प होते हैं जो ट्रिपल ए कैटेगरी में आते हैं। इसका मतलब है कि इन निवेश के विकल्पों पर तीन बार टैक्स की छूट ली जा सकती है। निवेश करते समय आपको इनकम टैक्स की धारा 80c के तहत यह छूट प्राप्त होगी।

पीएफ खाते में कैसे मिलती है छूट

पीएफ अर्थात् पब्लिक प्राइवेट फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को टैक्स पर तीन बार छूट का फायदा मिलता है। इसमें निवेश की गई 1.5 लाख रुपए तक की रकम टैक्स के दायरे से बाहर होती है। इस पर 7.1 फ़ीसदी का ब्याज दिया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि साल में आपको 11,550 रुपए ब्याज के मिलेंगे और यह रकम भी पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर रहेगी।

अगले साल आपको 1.5 लाख के अलावा इस पर 7.1 फ़ीसदी ब्याज मिलेगा, यानि यह कंपाउंड इंट्रेस्ट की तरह रहेगा। इस तरह से मैच्योरिटी तक आपके पास अच्छा खासा फंड इकट्ठा हो जाएगा और यह फंड भी पूरी तरह से इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रहेगा।

ELSS पर भी अधिक ब्याज

यदि हम म्युचुअल फंड की बात करें तो सिर्फ ELSS एक ऐसा फंड है जो ट्रिपल E कैटेगरी में आता है। इस फंड में आपको सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स की छूट दी जाती है। साथ ही इसमें 21 फीसदी तक सालाना रिटर्न भी दिया जाता है और यह ब्याज पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर होता है। इस फंड का लॉक इन पीरियड महज 3 साल का होता है और मैच्योरिटी पर जो रकम आपको मिलती है वह भी इनकम टैक्स के दायरे से पूरी तरह बाहर होती है जिसका अर्थ यह है की योजना में आपको तीन बार इनकम टैक्स की छूट का लाभ उठाने का अवसर मिलता है।

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