जैसा कि आप सभी जानते हैं धन दौलत की इच्छा हर एक व्यक्ति के मन में होता है लेकिन यह तभी मुंकिन हो सकता है जब मां लक्ष्मी जी की कृपा आप सब पर बनी रहे बस यही है कारण है कि लोगों द्वारा मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए काफी प्रयास करते हैं।अधिकतर धनतेरस के दिन कई विद्वानों का मानना है की मां लक्ष्मी जी कभी भी एक स्थान पर नहीं बिराजते हैं।लेकिन अगर आप धनतेरस के दिन एक प्रयास करेंगे तो अवश्य ही मां लक्ष्मी जी आप सभी के घर में वास हो जाएंगे।
कई ज्योतिष शास्त्रों में यह बताया गया है कि श्री यंत्र सभी यंत्रों के मुकाबले सबसे अधिक शक्तिशाली यंत्र मानी जाती है साथिया मां लक्ष्मी जी की यंत्र होता है ऐसे में अगर आप धनतेरस के दिन इस यंत्र को स्थापित करेंगे तो आपके घर में हमेशा मां लक्ष्मी जी बिराजेंगे।
इसके साथ आप सभी के घर से दरिद्रता का वास हमेशा के लिए दूर हो जाएगा और एक बात का हमेशा ख्याल रखें कि जब भी आप श्री यंत्र को स्थापित करें तो उसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्थापित करें जिससे आप सभी की आर्थिक एवं कई सारी समस्याएं जो है वह दूर हो जाएंगे तो लिए आज आप सभी को हम बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र पंडित श्रीकांत मिश्रा शास्त्री के अनुसार घर मे श्री यंत्र को कैशे स्थापित करना चाहिए,और इसके तरीके एवं लाभ क्या होने वाले हैं।
ज्योतिषचार्य के अनुसार अगर आप अपने घर में श्री यंत्र को विधि विधान के साथ स्थापित करते हैं।तो इससे सुख संपत्ति सौभाग्य एवं यश जैसी आशीर्वाद की प्राप्ति होगी। इसके लिए सबसे आवश्यक है कि आप श्रीयंत्र को एक अच्छी जगह पर नियम निष्ठा के साथ इसे स्थापित करें आपको इस यंत्र को स्थापित करने से पहले सबसे पूर्व स्नान कर लेना है एवं निर्मित वस्त्र होकर अच्छे एवं नए कपड़े को धारण करनी है जिसके साथ साथ श्री यंत्र को पंचामृत एवं गंगाजल से स्नान करवरकर उसकी शुद्धि अवश्य करना चाहिए उसके बाद ही आप सभी को श्रीयंत्र को स्थापित करनी है।
आप सभी को इस यंत्र को स्थापित करने के लिए हमेशा इस बात को ध्यान में रखना बहुत ही आवश्यक है कि इसकी स्थापना आप हमेशा सही दिशा में ही करें अगर आप श्री यंत्र की स्थापना गलत दिशा में करेंगे तो इससे आप सभी को हानि देखने को मिल सकती है आप सभी के जानकारी के लिए हम बता देना चाहते हैं कि श्री यंत्र को स्थापित करने के लिए उसकी उचित दिशा ईशान कोण को माना जाता है और जब भी आप श्री यंत्र को स्थापित करेंगे तब लाल वस्त्र को बिछाकर उस पर श्रीयंत्र स्थापित करना चाहिए।