Business Ideas: अब खेती करके भी आप करोड़पति बन सकते हैं। अगर आप किसान हैं और आपके पास भी जमीन है तो आपको करोड़पति बनने से कोई रोक नहीं सकता। इसके लिए आपको शुरू में थोड़ा-बहुत मेहनत करना पड़ेगा। क्योंकि अब किसान भाइयों को सिर्फ पेड़ लगाने हैं तथा उसकी देखभाल करनी है। अगर एक एकड़ में उस पेड़ को लगाकर छोड़ दिया तो उससे 30 करोड़ रुपये की इनकम की जा सकती है।
सागौन का पेड़
किसानों को समृद्ध बनाने वाला यह पेड़ किफायती लकड़ी प्रदान करता है। इस पेड़ की खेती के लिए किसी विशेष प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सागौन की खेती दोमट मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। सागौन का पेड़ लगभग 200 साल तक जीवित रहता है और फूलता फलता है। सागौन के पेड़ की लकड़ी काफी मजबूत होती है और मार्केट में महंगे दामों पर बिकती है।
चंदन का पेड़
“चंदन विष व्यापत नहीं, लटके रहत भुजंग”। यह कहावत सही है। चंदन की व्यापकता उसकी शीतलता से ही पता चलती है। देश के सभी भूभाग में चंदन की खेती की जा सकती है, केवल रेगिस्तानी इलाकों को छोड़कर। चंदन की लकड़ी की देश और विदेश में इतनी मांग है कि उसकी पूर्ति कर पाना ही असंभव है। मांग के अनुसार बहुत कम चंदन की लकड़ी पैदा हो रहा है। चंदन की लकड़ी की कीमत मार्केट में 25 से 30 हजार रुपए प्रतिकिलो की दर से है।
इसका उपयोग तेल, साबुन, औषधियां, इत्र और कॉस्मेटिक उत्पाद आदि बनाने में किया जाता है। चंदन के केवल एक पेड़ से 4 से 6 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है। जानकारों के मुताबिक 1 एकड़ जमीन में चंदन के 600 पेड़ लगाए जा सकते हैं। जो 10 से 15 सालों में आपको करीब औसतन 20 से 30 करोड़ रुपए तक की कमाई करा सकते हैं।
महोगनी के पेड़
महोगनी के पेड़ बहुत कीमती होते हैं। जंगलों में पाए जाने वाले इन पेड़ों की कीमत बहुत होती है। महोगनी की खेती पहाड़ी इलाकों को छोड़कर किसी भी भू भाग पर की जा सकती है। जानकारों के अनुसार 1 एकड़ भूमि पर महोगनी के 120 पेड़ लगाए जा सकते हैं जो करीब 12 सालों में पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं। इन 12 सालों में महोगनी के पत्ते और बीजों से लगातार कमाई होती रहती है।
इसका उपयोग प्लाईवुड, कीमती फर्नीचर, जहाज, सजावट का सामान, मूर्तियां बनाने में किया जाता है। महोगनी के पत्तों का इस्तेमाल अस्थमा, सर्दी, कैंसर, ब्लडप्रेशर,और डायबिटीज सहित कई तरह की बीमारियों में होता है। इसका बीज शक्तिवर्द्धक दवा बनाने के काम आता है। इसका बीज 1 हजार रुपए किलो के भाव से बिकते हैं और इसकी लकड़ी 2200 रुपए/घन फीट के भाव से बिकती है।
गम्हार के पेड़
सागौन के सामान ही गम्हार की लकड़ी भी गुणवान और मूल्यवान है। इमारतों को बनाने में सागौन के बाद गम्हार की लकड़ी का सबसे अधिक उपयोग होता है। इस लड़की का उपयोग फर्नीचर, कृषि उपकरण और खिलौने बनाने में किया जाता है। गम्हार के पेड़ को खमेर भी कहा जाता है।
1 एकड़ खेत में गम्हार के करीब करीब 500 पेड़ लगते हैं। 500 पेड़ को लगाने की लागत मात्र 50 हजार रुपए के करीब आती है। अगर 1 एकड़ जमीन पर सही तरीके से गम्हार की खेती की जाए तो कुछ सालों में 1 करोड़ से अधिक की कमाई की जा सकती है। किसान इसके पेड़ों को खेतों की मेड़ पर लगाते हैं। यह पेड़ बहुत तेजी से बड़ा होता है। इसके पत्तों का इस्तेमाल दवा को बनाने में किया जाता है।